आत्मा स्तुति
आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही से जुड़ी। फिर भी धैर्य बधाति तुम, मन में विश्वास…
आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही से जुड़ी। फिर भी धैर्य बधाति तुम, मन में विश्वास…
रात की स्याही मेंलिपट गयी कुछ ख्वाहिशेंऔर लिपट गयी मैं इन् ख्वाहिशों में। चंद रोज़ जब आँख खुली तोदेखा ख्वाब थी वो ख्वाहिशें जोलिपटे चादर की तह की तरह खुल गयी। गोया, स्वपन तो न था हकीकत थीक्यों कि सिलवटें…
उसकी दृष्टि मलिन हो गयीखुले तन को दिखाती वोऔर व्यसनी हो गयी। तिररस्कर, घृणा मादकउन्माद का आवाहन करती वोऔर वासनामयी हो गयी। चीरहरण करती दृष्टियाँबेबसी की कहती कहानियाँ।निडर प्रयत्न करती वोफिर भी दुत्तकार सहती क्यों? सब कुछ दिखाया था उसनेसिर्फ…
शून्य से शिखर तक जाना है तुमको,अपनी नई पहचान बनाना है तुमको। हार और जीत का खेल तो सभी खेलते हैं,जीत का गीत हर दिन गुनगुनाना है तुमको।शुन्य से शिखर…. खो न जाना तुम अभी से भीड़ में,अपनी एक अलग…