मैं सत्य देखता हूँ
मैं कोई सत्यवादी नहीं सत्यदर्शी हूँ। सत्य देखता हूँ, सत्य दिखाता हूँ, सत्य की राह पर चलना सिखाता हूँ। मेरा सत्य आत्म प्रवंचना नहीं, न ही बेबुनियाद है। सत्य की…
मैं कोई सत्यवादी नहीं सत्यदर्शी हूँ। सत्य देखता हूँ, सत्य दिखाता हूँ, सत्य की राह पर चलना सिखाता हूँ। मेरा सत्य आत्म प्रवंचना नहीं, न ही बेबुनियाद है। सत्य की…
आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही…
रात की स्याही मेंलिपट गयी कुछ ख्वाहिशेंऔर लिपट गयी मैं इन् ख्वाहिशों में। चंद रोज़ जब आँख खुली तोदेखा ख्वाब थी वो ख्वाहिशें जोलिपटे चादर की तह की तरह खुल…
उसकी दृष्टि मलिन हो गयीखुले तन को दिखाती वोऔर व्यसनी हो गयी। तिररस्कर, घृणा मादकउन्माद का आवाहन करती वोऔर वासनामयी हो गयी। चीरहरण करती दृष्टियाँबेबसी की कहती कहानियाँ।निडर प्रयत्न करती…