माँ
तेरी गोद में खेलते खेलते,न जाने कब मैं बड़ी हुई।तेरा हाँथ पकड़ पकड़,न जाने कब पैरों पे खड़ी हुई। तूने अपने आँचल की छाव से,दूर रखा मुझे ज़माने के घाव…
तेरी गोद में खेलते खेलते,न जाने कब मैं बड़ी हुई।तेरा हाँथ पकड़ पकड़,न जाने कब पैरों पे खड़ी हुई। तूने अपने आँचल की छाव से,दूर रखा मुझे ज़माने के घाव…