अब लिखू तो क्या?
अब लिखू तो क्या?मेरे शब्द, सिर्फ शब्द नहीं,कागज़ के कुछ अक्षर बनके रह गए है,कोई समझता नहीं, या कोई समझना चाहता नहीं,कलम की धार से तेज़ अब लोगों की जुबां…
अब लिखू तो क्या?मेरे शब्द, सिर्फ शब्द नहीं,कागज़ के कुछ अक्षर बनके रह गए है,कोई समझता नहीं, या कोई समझना चाहता नहीं,कलम की धार से तेज़ अब लोगों की जुबां…