Monil Gami

Monil Gami

मैं वही मिलूंगा

Mein Wahi Milunga- By Monil Gami

मैं वहीँ मिलूंगा,मिट्टी के ढेर में,उस टूटे पुराने घर में।अकेले, तनहा, बेपरवाह और उदास।एक आस हैएक प्यार है,जो इस दिवार कीदरारों में आज भी मौजूद है।जैसे तुम्हे एक आख़री बार देखके,टूटने को तैयार हो।तुम्हारे पैर रखते ही एक साथ मिट्टी…

अब लिखू तो क्या?

ab likhu toh kya by Monil Gami

अब लिखू तो क्या?मेरे शब्द, सिर्फ शब्द नहीं,कागज़ के कुछ अक्षर बनके रह गए है,कोई समझता नहीं, या कोई समझना चाहता नहीं,कलम की धार से तेज़ अब लोगों की जुबां हो गयी है,पढ़ना और उसे समझना लोग भूल गए है,एक…

It was a Match

It was a match by Monil Gami

प्यार।इसका एहसास मुझे कभी हुआ ही नहीं,पर हाँ बस एक बार इसे महसूस करना चाहता था।पर मैं अपने प्यार को अपनों में नहींपराये लोगों में ढूंढ़ना चाहता था।क्योंकि अपनों से प्यार तो किसी को भी हो जाये,पर किसी पराये में…

तुम तो लड़के हो न…

judemental society by- Monil Gami

वो करीब ७ साल पुरानी बात होगी,अगर याद करू तो शायदमेरी उम्र करीब १०-११ साल की होगी।विद्यालय से छूटकर में यूँही अपने दोस्तों के साथदौड़ लगते हुए गिर पड़ा।मेरी आखें नम और मेरे पैर दर्द में बहने लगे,सब मुझ पर…

शादी

Shaadi/ Marriage by Monil Gami

उम्र, कैसा शब्द है न ये,उम्र बड़ी हो तो लोग कहेंगे,बापरे! इतने बड़े हो तुम।कितना कमाते हो?बच्चे हुए या नहीं?अब तुमसे शादी कौन करेगा?ये वो, और अगर यही उम्र छोटी हो तो,लोग यह कहेंगे, कि बड़े होकर तुम्हे शादी करनी…

घर

Ghar (home) by Monil Gami

घर। सुकून सा सुनाई देने वाला,यह शब्द सिर्फ शब्द नहीं आराम है।यह शब्द हमारे जीवन की छाया है।दुःख हो या सुख हम हमेशा यही जाते है।रात को इस घर की चार दीवारी हमे,मेहफ़ूज़ रखती है, हमे सहारा देती है।यहां भगवान्…

લગ્નના સમાચાર

wedding poem by Monil Gami

|| શ્રી ગણેશાય નમઃ |||| શ્રી અંબાજી માતાય નમઃ || હજુ તો જાણે ગઈ કાલ ની વાત છે,અમારા આંગણમાં જે નદી જેવી વહેતી હતી,ભાઈ-બેહેનો સાથે હસ્તી રમતી હતી,અમારી દીકરી…હવે તમારા આંગણ ની શોભા બનશે,હવે સપ્તપદી ના સાત વચને બંધાશે,અને…કન્યાદાન નું…

પેહલો પ્રેમ

First Love By Monil Gami

એ પેહલી વાર હતુંજયારે મારુ હ્ર્દય બહુ જોર થી ધડક્તું હતું,જયારે બધા પોતાના કામ માં વ્યસ્ત હતા.મેં એને જોઈ, એની ચાલ, એની ઢાળ, એની વાત,હું રુકી ગયો, પોતાને ભૂલી ગયો.બધુજ રુકી ગયું હતું.પણ ક્યારે એને મારી સામે આવીને ચુટકી વગાયડી,હું…

सबर

Patience poem by Monil Gami

सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद किया होगा तुमने,पर यह सबर करने का फायदा,शायद हमेशा अच्छा…

पुराने गीत और तुम

Love Poem by Monil Gami

प्यार,कितना सुन्दर शब्द है न?पर अगर उसे आजके गीतों में देखा जाए,तो शायद उतना सुन्दर शीतल और शुद्ध नहीं होगा।गाने तो वो हुआ करते थे,जो सिर्फ कुछ शब्दों से भावनाएं बता देते थे।जैसे सामने यह कौन आया,अपने प्यार का मतलब…

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