Mein Wahi Milunga- By Monil Gami

मैं वही मिलूंगा

मैं वहीँ मिलूंगा,
मिट्टी के ढेर में,
उस टूटे पुराने घर में।
अकेले, तनहा, बेपरवाह और उदास।
एक आस है
एक प्यार है,
जो इस दिवार की
दरारों में आज भी मौजूद है।
जैसे तुम्हे एक आख़री बार देखके,टूटने को तैयार हो।
तुम्हारे पैर रखते ही एक साथ मिट्टी में मिल,
जाने के कगार पे हो।
तुम ना आना,
फिर कोनसी दीवारों पर सर रखकर रोऊँगा?
और अगर आओ तो याद रखना, तुम मुझे खो दोगी।
क्योंकि जब तुम आओगी तो ये घर टूट जाएगा।
और मेरी यादें उस घर के टुकड़ो में मिलेगी, और मैं तुम्हे वही मिलूंगा।
उस टूटे हुए घर में,
मिट्टी के ढेर में।

– मोनिल गामी
Monil Gami
Monil Gami
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