सबर। कैसा शब्द है ये,
-मोनिल गामी
ना किसीसे आज तक हुआ,
और अगर किसीने कर लिया,
तो इसे करने के इस ही,
बातों में उलझा रहता है जैसे,
“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”
हां। शायद किया होगा तुमने,
पर यह सबर करने का फायदा,
शायद हमेशा अच्छा ना हो।
पर हाँ अगर एक बार तुम किसी चीज़,
के लिए या फिर किसी चाहने वाले के लिए,
सबर करलो तो उनके आँखों में,
तुम्हारे लिए इज़्ज़त आसमान छू जाती है।
![Patience poem by Monil Gami](https://boseartx.com/wp-content/uploads/2022/09/sabar.jpg)