प्यार,
कितना सुन्दर शब्द है न?
पर अगर उसे आजके गीतों में देखा जाए,
तो शायद उतना सुन्दर शीतल और शुद्ध नहीं होगा।
गाने तो वो हुआ करते थे,
जो सिर्फ कुछ शब्दों से भावनाएं बता देते थे।
जैसे सामने यह कौन आया,
अपने प्यार का मतलब बताते हुए,
अपने जज़्बातों का ज़िक्र करते हुए,
अपने प्यार का इंतज़ार करते हुए,
अपना प्यार को जताते हुए,
किशोर कुमार जी ने दिल से ये कहा है,
साफ़ और सुन्दर अक्षर का इस्तेमाल किया है।
क्योकी हम भी किसी की एक झलक देखकर,
पागल से हो जाते है, और यह सिर्फ उन्होंने समझा।
और शायद इसे हम सुन्दर गीत कहेंगे,
और शायद इसे ही हम प्यार कहेंगे।
– मोनिल गामी