मैं वही मिलूंगा
मैं वहीँ मिलूंगा,मिट्टी के ढेर में,उस टूटे पुराने घर में।अकेले, तनहा, बेपरवाह और उदास।एक आस हैएक प्यार है,जो इस दिवार कीदरारों में आज भी मौजूद है।जैसे तुम्हे एक आख़री बार…
मैं वहीँ मिलूंगा,मिट्टी के ढेर में,उस टूटे पुराने घर में।अकेले, तनहा, बेपरवाह और उदास।एक आस हैएक प्यार है,जो इस दिवार कीदरारों में आज भी मौजूद है।जैसे तुम्हे एक आख़री बार…