Tag hindipoem

घर

Ghar (home) by Monil Gami

घर। सुकून सा सुनाई देने वाला,यह शब्द सिर्फ शब्द नहीं आराम है।यह शब्द हमारे जीवन की छाया है।दुःख हो या सुख हम हमेशा यही जाते है।रात को इस घर की…

सबर

Patience poem by Monil Gami

सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद…

समशान

Cemetry Poem

लाखों कहानियां जुडी हुई है,आज्ज भी राख गर्माहट से भरी हुई है।पुराने किस्से है यहां पर सुनने वाला कोई नहीं।लकड़ी, आग और शान्ति सिर्फ इसकी मौजूदगी है। मंदिर जैसी शांति…

बोधि-वृक्ष

Bodhi Vruksh by- Rudal Singh

बोधगया में, बोधि वृक्ष के नीचे, बुद्धत्व को प्राप्त, तथागत बुद्ध शांत हो चले थे। ज्ञान से परिपूर्ण प्रशांत हो चले थे। प्राप्तव्य कुछ भी शेष न था, कामना कुछ…

प्रभु का स्नेह

Prabhu Ka Sneh by Rudal Signh

प्रभु का प्यार सागर की लहरों पर सवार मेरे करीब आता है, मेरी प्रार्थना से पूर्व ही, मुझे सस्नेह नहलाता है, आषाढ़ के घने बादलों से अभिभूत मयूर के नृत्य…

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