Tag hindipoetry

सबर

Patience poem by Monil Gami

सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद…

पुराने गीत और तुम

Love Poem by Monil Gami

प्यार,कितना सुन्दर शब्द है न?पर अगर उसे आजके गीतों में देखा जाए,तो शायद उतना सुन्दर शीतल और शुद्ध नहीं होगा।गाने तो वो हुआ करते थे,जो सिर्फ कुछ शब्दों से भावनाएं…

यही तो इश्क़ है

Poem by Aashvi Solanki

आपका पता हमें नहीं, पर हमारा पता आपको जानना है। आप कुछ कहे नहीं, पर हमारा कहा आपको सुन्ना है। हमारी खबर जाननी है इन्हे पल पल की, पर कोशिश…

आत्मा स्तुति

Aatma Stuti by Sunita Singh

आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही…

माँ

motherhood

तेरी गोद में खेलते खेलते,न जाने कब मैं बड़ी हुई।तेरा हाँथ पकड़ पकड़,न जाने कब पैरों पे खड़ी हुई। तूने अपने आँचल की छाव से,दूर रखा मुझे ज़माने के घाव…

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

रात की स्याही मेंलिपट गयी कुछ ख्वाहिशेंऔर लिपट गयी मैं इन् ख्वाहिशों में। चंद रोज़ जब आँख खुली तोदेखा ख्वाब थी वो ख्वाहिशें जोलिपटे चादर की तह की तरह खुल…

दृष्टिकोण

Drishtikon by Sunita Singh

उसकी दृष्टि मलिन हो गयीखुले तन को दिखाती वोऔर व्यसनी हो गयी। तिररस्कर, घृणा मादकउन्माद का आवाहन करती वोऔर वासनामयी हो गयी। चीरहरण करती दृष्टियाँबेबसी की कहती कहानियाँ।निडर प्रयत्न करती…

en_USEnglish