सबर
सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद…
सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद…
प्यार,कितना सुन्दर शब्द है न?पर अगर उसे आजके गीतों में देखा जाए,तो शायद उतना सुन्दर शीतल और शुद्ध नहीं होगा।गाने तो वो हुआ करते थे,जो सिर्फ कुछ शब्दों से भावनाएं…
आपका पता हमें नहीं, पर हमारा पता आपको जानना है। आप कुछ कहे नहीं, पर हमारा कहा आपको सुन्ना है। हमारी खबर जाननी है इन्हे पल पल की, पर कोशिश…
आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही…
तेरी गोद में खेलते खेलते,न जाने कब मैं बड़ी हुई।तेरा हाँथ पकड़ पकड़,न जाने कब पैरों पे खड़ी हुई। तूने अपने आँचल की छाव से,दूर रखा मुझे ज़माने के घाव…
रात की स्याही मेंलिपट गयी कुछ ख्वाहिशेंऔर लिपट गयी मैं इन् ख्वाहिशों में। चंद रोज़ जब आँख खुली तोदेखा ख्वाब थी वो ख्वाहिशें जोलिपटे चादर की तह की तरह खुल…
उसकी दृष्टि मलिन हो गयीखुले तन को दिखाती वोऔर व्यसनी हो गयी। तिररस्कर, घृणा मादकउन्माद का आवाहन करती वोऔर वासनामयी हो गयी। चीरहरण करती दृष्टियाँबेबसी की कहती कहानियाँ।निडर प्रयत्न करती…