शून्य से शिखर तक जाना है तुमको,
अपनी नई पहचान बनाना है तुमको।हार और जीत का खेल तो सभी खेलते हैं,
जीत का गीत हर दिन गुनगुनाना है तुमको।
शुन्य से शिखर….खो न जाना तुम अभी से भीड़ में,
अपनी एक अलग पहचान बनाना है तुमको।मुश्किलें तो साथ साथ चलती हैं,
मुश्किलों को आसान बनाना है तुमको।
शुन्य से शिखर….जीत का गीत गुनगुनाना है तुमको,
– सुनीता सिंह
शून्य से शिखर तक जाना है तुमको।
![पहचान- सुनीता सिंह](https://boseartx.com/wp-content/uploads/2022/07/pehchan.jpg)