Category Literature

बोधि-वृक्ष

Bodhi Vruksh by- Rudal Singh

बोधगया में, बोधि वृक्ष के नीचे, बुद्धत्व को प्राप्त, तथागत बुद्ध शांत हो चले थे। ज्ञान से परिपूर्ण प्रशांत हो चले थे। प्राप्तव्य कुछ भी शेष न था, कामना कुछ…

जीवन मृत्यु

Jeevan Mrityu by Rudal Singh

मैंने मृत्यु को देखा है, करीब से महसूस किया है, और मृत्यु से डरा भी हूँ। मैं मृत्यु से डरता हूँ, क्योंकि डरना मेरी प्रकृति है, मृत्यु सत्य है, सहज…

प्रभु का स्नेह

Prabhu Ka Sneh by Rudal Signh

प्रभु का प्यार सागर की लहरों पर सवार मेरे करीब आता है, मेरी प्रार्थना से पूर्व ही, मुझे सस्नेह नहलाता है, आषाढ़ के घने बादलों से अभिभूत मयूर के नृत्य…

प्रभु तू साँंचा

Prabhu tu Saancha by Rudal Singh

सांई जग झूठा तू सच्चा जग की नैया भूल भुलैया पर नाविक तू अच्छा, सांई जग झूठा। जगत बना व्यापार सर्वथा, बाँटू किससे मन की ब्यथा हानि लाभ का जोड़…

मैं सत्य देखता हूँ

Truth poem by Rudal Singh

मैं कोई सत्यवादी नहीं सत्यदर्शी हूँ। सत्य देखता हूँ, सत्य दिखाता हूँ, सत्य की राह पर चलना सिखाता हूँ। मेरा सत्य आत्म प्रवंचना नहीं, न ही बेबुनियाद है। सत्य की…

Rebirth in August

August Poem by Aashvi Solanki

With the vintage songs And the tinsel moon, Here I welcome August, With the memories of dewdrops! Holding the bouquet of rosy dawn, Here my shiny moments were drawn, With…

यही तो इश्क़ है

Poem by Aashvi Solanki

आपका पता हमें नहीं, पर हमारा पता आपको जानना है। आप कुछ कहे नहीं, पर हमारा कहा आपको सुन्ना है। हमारी खबर जाननी है इन्हे पल पल की, पर कोशिश…

બેન ની વિદાઈ

Sister Poem by Monil Gami

આટલા વર્ષનો ગુજારો,જે કરીયો તારા સંગ,ફૂલ જે તારા નૂર થી હસ્તા,મુરઝાયી જશે એના રંગ। ઉમરો પાર કરી દઈસ તું,પણ હૃદય થી નહી જાયે,નમ થઈ જશે આખો,જ્યારે ડોલી માં બેસી જૈશ…

आत्मा स्तुति

Aatma Stuti by Sunita Singh

आत्मा तुम एक प्रेरणा हो, तन मन की एक वीणा हो। तुमसे झंकृत सारा मन, अर्पित तुम पर ये जीवन। मन कुंठा तुमसे नहीं छुपी, दुःख की लड़ी तुम ही…

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