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It was a Match

It was a match by Monil Gami

प्यार।इसका एहसास मुझे कभी हुआ ही नहीं,पर हाँ बस एक बार इसे महसूस करना चाहता था।पर मैं अपने प्यार को अपनों में नहींपराये लोगों में ढूंढ़ना चाहता था।क्योंकि अपनों से…

तुम तो लड़के हो न…

judemental society by- Monil Gami

वो करीब ७ साल पुरानी बात होगी,अगर याद करू तो शायदमेरी उम्र करीब १०-११ साल की होगी।विद्यालय से छूटकर में यूँही अपने दोस्तों के साथदौड़ लगते हुए गिर पड़ा।मेरी आखें…

शादी

Shaadi/ Marriage by Monil Gami

उम्र, कैसा शब्द है न ये,उम्र बड़ी हो तो लोग कहेंगे,बापरे! इतने बड़े हो तुम।कितना कमाते हो?बच्चे हुए या नहीं?अब तुमसे शादी कौन करेगा?ये वो, और अगर यही उम्र छोटी…

सबर

Patience poem by Monil Gami

सबर। कैसा शब्द है ये,ना किसीसे आज तक हुआ,और अगर किसीने कर लिया,तो इसे करने के इस ही,बातों में उलझा रहता है जैसे,“मैंने तो तुम्हारे लिए सबर किया था”हां। शायद…

पुराने गीत और तुम

Love Poem by Monil Gami

प्यार,कितना सुन्दर शब्द है न?पर अगर उसे आजके गीतों में देखा जाए,तो शायद उतना सुन्दर शीतल और शुद्ध नहीं होगा।गाने तो वो हुआ करते थे,जो सिर्फ कुछ शब्दों से भावनाएं…

समशान

Cemetry Poem

लाखों कहानियां जुडी हुई है,आज्ज भी राख गर्माहट से भरी हुई है।पुराने किस्से है यहां पर सुनने वाला कोई नहीं।लकड़ी, आग और शान्ति सिर्फ इसकी मौजूदगी है। मंदिर जैसी शांति…

बोधि-वृक्ष

Bodhi Vruksh by- Rudal Singh

बोधगया में, बोधि वृक्ष के नीचे, बुद्धत्व को प्राप्त, तथागत बुद्ध शांत हो चले थे। ज्ञान से परिपूर्ण प्रशांत हो चले थे। प्राप्तव्य कुछ भी शेष न था, कामना कुछ…

जीवन मृत्यु

Jeevan Mrityu by Rudal Singh

मैंने मृत्यु को देखा है, करीब से महसूस किया है, और मृत्यु से डरा भी हूँ। मैं मृत्यु से डरता हूँ, क्योंकि डरना मेरी प्रकृति है, मृत्यु सत्य है, सहज…

प्रभु का स्नेह

Prabhu Ka Sneh by Rudal Signh

प्रभु का प्यार सागर की लहरों पर सवार मेरे करीब आता है, मेरी प्रार्थना से पूर्व ही, मुझे सस्नेह नहलाता है, आषाढ़ के घने बादलों से अभिभूत मयूर के नृत्य…

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